तेरी आशिक़ी में जोगी बन कर दर दर के ठोकर खाता हु,बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हु,
अब आजा सँवारे अब आजा सँवारे,
दुनिया हसे मेरी हालत पर दुनिया की परवाह कुछ भी नहीं,
थी इस की खबर मुझको सारी पागल कर देती है आशिक़ी,
तेरे इश्क़ में पगल हो कर मैं सारी दुनिया को हसाता हु,बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हु,अब आजा सँवारे अब आजा सँवारे,
इश्क़ का रोग लगा मुझको तू इस की दवा दे आकर,कही और नहीं इसकी दवा दुनिया में देख लिया जा कर,इक तेरे पास है इस की दवा कब से तुझको समझाता हूं।बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हु,
अब आजा सँवारे अब आजा सँवारे,
इश्क़ का पागल बन बाबा तेरे दर तक खींच के ले आया ,दीदार तेरा बस हो जाए इतना ही बस पागल ने चाहा,शर्मा तेरे इश्क़ में नाचता है मैं पागलपन में गाता हु
बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हु,अब आजा सँवारे अब आजा सँवारे,