तर्ज,धरती धोरा री
आयो फगनियो अलबेलो,बाबा श्याम धनी को मेलो,चाल्यो भागता को यो रेलों खाटू श्याम जी, ओ खाटू धाम जी।
कपड़ो रेशम वालो ल्यायो हो ओ,कपड़ो रेशम वालो ल्यायो ,खुद हाथा निशान बनायो, गोटो चारु मेर लगायो,खाटू श्याम जी।अंतर छिड़कयो निशान के ऊपर, फिर में धोक दियो सर रखकर,बांध्यो जोर से कमर के ऊपर यो निशान जी, हो ओ यो निशान जी।
आयो फगनियो अलबेलो,बाबा श्याम धनी को मेलो,चाल्यो भागता को यो रेलों खाटू श्याम जी, ओ खाटू धाम जी।
गेला माही ठाठ अनोखा हो ओ,गेला माही ठाठ अनोखा, खातिर करे भगत के चोखा, तू भी क्यों चुके ये मौका, खाटू श्याम जी। सारा नाचता कूदता आया,सब प्रेमयां सु प्रेम बढ़ाया, मिलकर घना ही आनंद आया खाटू धाम जी, हो ओ खाटू धाम जी।
आयो फगनियो अलबेलो,बाबा श्याम धनी को मेलो,चाल्यो भागता को यो रेलों खाटू श्याम जी, ओ खाटू धाम जी।
पूरो खाटू नगरी घुम्यो हो ओ, हो पूरो खाटू नगरी घुम्यो, मनडो म्हारो घनों ही झुम्यो, जब मैं थारी चौखट चुम्यो खाटू श्याम जी। थारा विशाल दर्शन पाया, नैना झरझर नीर बहाया, इतना दिना मैं क्यों ना आया, खाटू धाम जी हो ओ खाटू धाम जी।
आयो फगनियो अलबेलो,बाबा श्याम धनी को मेलो,चाल्यो भागता को यो रेलों खाटू श्याम जी, ओ खाटू धाम जी।
दर्शन कर बाबा सु बोल्यो, हो ओ,दर्शन कर बाबा सु बोल्यो,राजू जो भी श्याम को होलयो,थे किस्मत को तालो खोल्यो,खाटू श्याम जी,उकी घर करे रखवाली,उको बनजा यो खुद हाली,उकी गाड़ी खुद ने चलाली खाटू श्याम जी,हो ओ खाटू श्याम जी,
आयो फगनियो अलबेलो,बाबा श्याम धनी को मेलो,चाल्यो भागता को यो रेलों खाटू श्याम जी, ओ खाटू धाम जी।