खोया क्या पाया क्या सोचना है माया क्या। तुझ से दिल लगाया ना तो चैन मन को आया ना।
तेरी धुन के सागरों में कश्ती ये उतार दी।नाम में तेरे छुपा है इस जहां का सार भी।एक ओमकारा में है संसारा। जटा से निकले गंगा की धारा। तूझसे ही लगाई आश रे।
देवा देवा ओ महादेवा मेरा मन तेरा कैलाश रे। देवा देवा ओ महादेवा पूरी करना सदा तू आश रे।
ध्यान में तेरे गुम सा हो जाता हूं।में जहां पे रहता हूं तुम सा हो जाता हूं। आंखें मूंद बैठा पर 3 लोक देखे तूं, सुनता है मुझको भी मुझसे दूर रहकर तु। अटूट मेरा विश्वास है।
देवा देवा ओ महादेवा मेरा मन तेरा कैलाश रे। देवा देवा ओ महादेवा पूरी करना सदा तू आश रे।
कर दूं मैं अर्पण सीने की धड़कन जीना हो सफल तो मेरा। तू ही रहा है अंत ना तेरा तू ही रहेगा सदा।
देवा देवा ओ महादेवा मेरा मन तेरा कैलाश रे। देवा देवा ओ महादेवा पूरी करना सदा तू आश रे।