मेरे दो पहिया की गाड़ी है, और घर में चार सवारी है। कैसे उज्जैन कु आऊं मालिक राम समस्या भारी है। इसने दी चाबी कार की, दुनिया के नंबरदार की। आलकी ना पालकी जय बोलो महाकाल की।
छोड़े सब काम झमेले, बन गए महाकाल के चेले। जिंदगी अब मस्त मलंग है। फिरते रहते अलबेले। हमारी चल गई दुकान बाबा तेरे नाम से। हो गई दुनिया में पहचान बाबा तेरे नाम से। तेरे नाम से हो बाबा तेरे नाम से। मेरा चलने लगा काम बाबा तेरे नाम से। बन गई इज्जत और मकान बाबा तेरे नाम से। अरे भूतों के सरदार की, गौरव के नंबरदार की।आलकी ना पालकी जय बोलो महाकाल की।
महाकाल हो तुम राजाधिराज, गुरु आप हो हम है चेले। उज्जैन बिराजे ठाठ से खुद हमें दे गए जटा झमेले। जटा जूट सरदार की, नैना नटखट लाल की। आलकी ना पालकी जय बोलो महाकाल की।