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विविध भजन

Jao nugri kaya tharo kayi gun gawa,जावो नुगरी काया थारो कांइ गुण गावां

जावो नुगरी काया थारो कांइ गुणगावां

बालू की भींत अटारी का चढ़ना
ओछे से प्रीत कटारी का मरना
जावो नुगरी काया थारो कांइ गुण गावां ।।



गादी गलीचा थारा धर्या हे महल में
एक दिन जलेगा , काया लकड़ी के संग में
जावो नुगरी काया थारो कांइ गुण गावां ।।



कहे कबीर साहब , जुग जुग जिवणा
इणी ममता ने मार भसम कर पिवणा
जावो नुगरी काया थारो कांइ गुण गावां ।।

बालू की भींत अटारी का चढ़ना
ओछे से प्रीत कटारी का मरना
जावो नुगरी काया थारो कांइ गुण गावां ।।

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