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विविध भजन

Andar anmola re lal hardum mala feriyo ji,अंदर अनमोला रे लाल,हर दम माला फेरियो जी।

अंदर अनमोला रे लाल,हर दम माला फेरियो जी।

अंदर अनमोला रे लाल,हर दम माला फेरियो जी।


बिन तागे तेरी तस्वी पोइ,बिना श्यार तावीज
अंदर सुमरनी फेरी कोन्या,रहा है काट पे रीझ।अंदर अनमोला रे लाल,हर दम माला फेरियो जी।


मर के जिक्र मिठे सब तेरा,मर के फेरियो जीव।
लाख दुहाई तने तेरे सद्गुरु की,तुझ में ही है तेरा पीव।अंदर अनमोला रे लाल,हर दम माला फेरियो जी।


पहलम आप चेतीये रे फेर मुंडाइये मुंड।
इधर उधर को क्या देखत है, इसी ढूंढ में ढूंढ।अंदर अनमोला रे लाल,हर दम माला फेरियो जी।

नो दरवाजे इसमें कहिये,चाँद सूरज के बीच।
नो दरवाजे प्रगट दिखें दसवें में जगदीश।अंदर अनमोला रे लाल,हर दम माला फेरियो जी।


मोजी साध बन्दगी वाकी, ज्ञान दियो उपदेश
कल्लन शाह ने सैन लखाई,दिल अंदर प्रवेश।अंदर अनमोला रे लाल,हर दम माला फेरियो जी।

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