कौन बनाता है कलयुग में भक्तों के सब काम। और नहीं कोई वह है मेरा खाटू वाला श्याम।
सेठों का भी सेठ सांवरिया यूं ही ना ईसे बुलाते हैं। धन्ना सेठ भी तेरे बाबा श्याम से मांगने आते हैं। मांगने वाली दुनिया देने वाला बस एक श्याम।और नहीं कोई वह है मेरा खाटू वाला श्याम।
कौन बनाता है कलयुग में भक्तों के सब काम। और नहीं कोई वह है मेरा खाटू वाला श्याम।
एक बार तो श्याम के दर पर देखो शीश झुका कर के। बिगड़े भाग संवर जाते हैं खाटू नगरि आ करके। चिंता मुक्त हो जाते हैं सब लेकर इनका नाम। और नहीं कोई वह है मेरा खाटू वाला श्याम।
कौन बनाता है कलयुग में भक्तों के सब काम। और नहीं कोई वह है मेरा खाटू वाला श्याम।
भक्त सुरेश की बाबा तुमने ही तकदीर बनाई है। भवसागर में डोलती नैया तुमने पार लगाई है। करते हो सब काम तुम ही हो जाता है मेरा नाम। और नहीं कोई वह है मेरा खाटू वाला श्याम।
कौन बनाता है कलयुग में भक्तों के सब काम। और नहीं कोई वह है मेरा खाटू वाला श्याम।