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विविध भजन

Tu hi shradha tu hi bhakti tu aaradhana meri,तू ही श्रद्धा तू ही भक्ति तू आराधना मेरी

तू ही श्रद्धा तू ही भक्ति, तू आराधना मेरी

तू ही श्रद्धा तू ही भक्ति, तू आराधना मेरी, ध्यान लगाऊँ श्री बाबोसा, करूँ मैं साधना तेरी, तु ही श्रद्धा तु ही भक्ति, तु आराधना मेरी ।



तू ही साँसो में बाबोसा, तू मेरी धड़कन में, तू ही पलको पे है मेरी, मन के दर्पण में, पूजन ध्यान धरु मैं तेरा, उतारूं तेरी आरती, तु ही श्रद्धा तु ही भक्ति, तु आराधना मेरी ॥

धरती और अम्बर में तू ही, तू ही इन फिजाओ में, तू ही भक्ति के भावो में, ओर रहता है तू दुवाओ में, हर तरफ बाबोसा तू, करूँ स्पर्शना तेरी, तु ही श्रद्धा तु ही भक्ति, तु आराधना मेरी।



दुनिया से हारा हूँ, टूटा एक सितारा हूँ, अपना लो बाबोसा, जैसा हूँ तुम्हारा हूँ, भक्ति तेरी करूँ सदा, ‘दिलबर’ ये प्रार्थना मेरी, तु ही श्रद्धा तु ही भक्ति, तु आराधना मेरी ।।

तू ही श्रद्धा तू ही भक्ति, तू आराधना मेरी, ध्यान लगाऊँ श्री बाबोसा, करूँ मैं साधना तेरी, तु ही श्रद्धा तु ही भक्ति, तु आराधना मेरी ।

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