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विविध भजन

Pahla kyu nahi Kari rakhwali tharo chidiya chug gayi khet,पहला क्यों नी करी रखवाली थारो चिड़िया चुग गई खेत,

पहला क्यों नी करी रखवाली,
थारो चिड़िया चुग गई खेत,

पहला क्यों नी करी रखवाली,
थारो चिड़िया चुग गई खेत,
चिड़िया चुग गई खेत,
थारो चिड़िया चुग गई खेत,
पहला क्यूँ नी करी रखवाली,
थारो चिड़िया चुग गई खेत।।




ए चिड़िया हैं रंग रंगीली,
काळी पीली सफेद,
मीठा मीठा शब्द केवे,
काढ़ काळजो लेत,
पहला क्यूँ नी करी रखवाली,
थारो चिड़िया चुग गई खेत।।

ए चिड़िया हैं बहुत ठगारी,
खा गई मूल समेत,
हीरा कंचन माणक चुग गई,
लारे छोडी रेत,
पहला क्यूँ नी करी रखवाली,
थारो चिड़िया चुग गई खेत।।

बार बार समझाऊ मन मेरा,
चेत सके तो चेत,
कहत कबीर सुणो भाई साधो,
करलो हरि से हेत,
पहला क्यूँ नी करी रखवाली,
थारो चिड़िया चुग गई खेत।।

पहला क्यों नी करी रखवाली,
थारो चिड़िया चुग गई खेत,
चिड़िया चुग गई खेत,
थारो चिड़िया चुग गई खेत,
पहला क्यूँ नी करी रखवाली,
थारो चिड़िया चुग गई खेत।।

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