एकला मत छोड़ जो , बणजारा रे ।
परदेश का है मामला टेड़ा हो प्यारा रे॥
अपणा साहेब जी ने बंगलो बणायो , बणजारा रे ।ऊपर रखिया झरोखा , झांक्या करो प्यारा रे ॥
एकला मत छोड़ जो बणजारा रे ।
परदेश का है मामला टेड़ा हो प्यारा रे॥
अपणा साहेब जीने बाग लगायो , बणजारा ।
अरे फूलां भरी है छाबड़ी , पोया करो प्यारा रे ॥
एकला मत छोड़ जो बणजारा रे ।
परदेश का है मामला टेड़ा हो प्यारा रे॥
अपणा साहेबजी ने कुवलो , खणायो बणजारा रे ।गहरा भरिया नीर वाँ , न्हाया करो प्यारा रे ॥
एकला मत छोड़ जो बणजारा रे ।
परदेश का है मामला टेड़ा हो प्यारा रे॥
कहै कबीर धर्मदास से , बणजारा रे ।
सत अमरापुर पावीया , सौदागिर प्यारा रे ॥
एकला मत छोड़ जो बणजारा रे ।
परदेश का है मामला टेड़ा हो प्यारा रे॥