देवों में निराला मेरा भोला नाथ, आओ एक दिन की सुनाऊं तुम्हें बात।
एक दिना बोली थी पार्वती रानी, स्वामी जी सुना दो हमें अमर कहानी, भोले जी ने डमरू बजाया दोनों हाथ, आओ एक दिन की सुनाएं तुम्हें बात।
कथा पूरी हुई नहीं नींद भर आई, तोते के बच्चे को कथा है सुनाई, जागी जब गोरा भोले भोले नाथ, आओ एक दिन की सुनाएं एक बात।
क्रोधित हुए शिव ने त्रिशूल उठाया, तोते के बच्चे को पकड़ नहीं पाया, आगे आगे तोता पीछे भोलेनाथ, आओ एक दिन की सुनाएं तुम्हें बात।
वही तोता सत्यवती के मुख में समाया, वही सदा गुड़गांन वेदों ने गाया, दासी भोलेनाथ आगे खड़ी जोड़े हाथ, आओ एक दिन की सुनाएं तुम्हें बात।
देवों में निराला मेरा भोला नाथ, आओ एक दिन की सुनाऊं तुम्हें बात।