चूरू नगरीया में देखो, छाई है खुशियां भारी, जन्म लिया श्री बाबोसा ने, झूमे नर और नारी, पन्ना नाम धराया हो, पन्ना नाम धराया, वो लागे बड़ा प्यारा, ढोल बजाओ बजाओ नगाड़ा ।।
माघ शुक्ल की पंचमी की, मंगल घड़ियां आई, माँ छगनी के आंगनिये में, गुंज रही शहनाई, पलने में वो झुले ललना हो, पलने में वो झुले ललना, घेवरचंद का दुलारा, ढोल बजाओ बजाओ नगाड़ा ।।
चंदा जैसा मुखडा देखो, गोरे गोरे गाल है, छोटे छोटे हाथ ये प्यारे, घुंगर वाले बाल है, सूरज सम है तेज इनका हो, सूरज सम है तेज इनका, चमके ज्यो नभ तारा, ढोल बजाओ बजाओ नगाड़ा ।।
धरती झूमे अम्बर झूमें, झूमे दशो दिशाए, महाबली हनुमान जिसपे, अपनी कृपा बरसाये, दिल में बिठाके तुझको हो, दिल मे बिठाके तुझको, ‘दिलबर’ बोल रहे जयकारा, ढोल बजाओ बजाओ नगाड़ा ।।
चूरू नगरीया में देखो, छाई है खुशियां भारी, जन्म लिया श्री बाबोसा ने, झूमे नर और नारी, पन्ना नाम धराया हो, पन्ना नाम धराया, वो लागे बड़ा प्यारा, ढोल बजाओ बजाओ नगाड़ा ।।