आई आई जी बालाजी मारे बात समझ में आई। थे ही सब ने राह दिखाई युक्ति भक्ति की बतलाई।आई आई जी बालाजी मारे बात समझ में आई।
हुआ सुग्रीव बिल्कुल अकेला। किया बाली में ऐसा झमेला।दिन बन के बिचरता था बन में।जिसका जीवन था तपती अगन में। तुमने रघुवर से मिलवाया। उसका जीवन सफल बनाया।आई आई जी बालाजी मारे बात समझ में आई।आई आई जी बालाजी मारे बात समझ में आई।
जुल्म रावण का बढ़ता ही जाए। नाम प्रभु का उसे ना सुहाय। मन विभीषण का तुमने टटोला। रस्ता रघुवर से मिलने का खोला। बन गए मीत राम रघुराई। गद्दी लंका की दिलवाई।आई आई जी बालाजी मारे बात समझ में आई।आई आई जी बालाजी मारे बात समझ में आई।
तुमने तुलसी को तुलसी बनाया। ग्रंथ तुलसी से ऐसा लिखवाया। नाम रघुबर का घर-घर पहुंचाय। दीप भक्ति का ऐसा जगाया। हनुमत नंदू तेरा चेला, पार लगाओ
आई आई जी बालाजी मारे बात समझ में आई। थे ही सब ने राह दिखाई युक्ति भक्ति की बतलाई।आई आई जी बालाजी मारे बात समझ में आई।