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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Gouri Shankar akhiya khol re shiv bhole me hu Teri gora,ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा,shiv bhajan

ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।

ओ शिव ध्यानी औघड़ ज्ञानी। ध्यान को छोड़ कर मुझ पर कभी तो तु ध्यान दें। बरसों से बैठी चरणों में तेरे, संग बैठने का मुझको जग में तू मान दे।

जब-जब कष्ट आया तीन लोक में तूने हरा उसे नाथ रे। मेरे भी कष्ट को हर ले तू भोले मुझको दे दे सौगात। तेरे बिन दिन कितने बीते अब ना लागे जी मोरा ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।

सखियां छेड़े मुझको के शिव है अघोरी। पर वह क्या जाने रि शिव ने थामी मेरी डोरी। दुखते हुए को गले से लगा ले। कब से हूं रूठि आ मुझको मना ले। जब तू अविनाशी तो क्यों मैं सन्यासी, तु करता किसका ध्यान है। तेरे प्रेम की प्यासी तू कैलाश का वासी भोले तुम गोरा की जान है।तेरे बिन दिन कितने बीते अब ना लागे जी मोरा। ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।

या तो मुझको इंकार कर दो। या फिर मुझ को स्वीकार कर लो। तेरे प्यार में हूं खोई कितना हूं मैं रोई, भोले तुझे ना खबर। बस अब ना सताओ मुझे और ना रुलाओ, अब और ना संभल। प्राण में दे दूंगी अब तेरे आगे हमसफर। फिर जग में ना कोई होगा मोहब्बत का सफर। अखियां खोल दी अब शिव ने तू ही मेरी गोरा।

ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।ओ अखियां खोल रे शिव भोले मैं हूं तेरी गोरा।

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