तर्ज, बड़ी देर भई नंदलाला
धन धन अंजनी का लाला बजरंगबली मतवाला। राम के काज सवारे तूने भक्तों का प्रतिपाला रे।
सालासर है धाम तिहारो राजस्थान के माही रे। ऐसी सुंदर दिव्य मूर्ति और कहीं पर नाही रे। तेज बरसता मुख मंडल पर मंदिर बड़ा निराला रे।
धन धन अंजनी का लाला बजरंगबली मतवाला। राम के काज सवारे तूने भक्तों का प्रतिपाला रे।
झांझ नगाड़े बजे द्वार पर मंगल गाए शहनाई। सवामणी का चढ़े चूरमा भूख लगे हैं सुखदाई। सांचा है दातार जगत में प्रभु सालासर वाला रे।
धन धन अंजनी का लाला बजरंगबली मतवाला। राम के काज सवारे तूने भक्तों का प्रतिपाला रे।
तु जागृत है इस कलयुग में मैंने सुना है है स्वामी, अंतर्मन की किसे सुनाऊं बोलो हे अंतर्यामी। तु ही संकट मोचन स्वामी है मेरा रखवाला रे।
धन धन अंजनी का लाला बजरंगबली मतवाला। राम के काज सवारे तूने भक्तों का प्रतिपाला रे।