सुरता ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी, मनवा ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी। भज ले नी भगवान, वासना रह जासी ॥
नहीं करणो डुंगरियों से स्नेह, बरसतां बह जासी आवे उनाळा री वाट, खाली हो जासी।सुरता ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी, मनवा ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी।
सदा करो सागरियों रो स्नेह, भरिया रह जासी। उपजे आनन्द अपार, लहरां लग जासी ॥ नहीं करणी परदेशी रीप्रीत, वे तो नट जासी। ऊठ चले अध रात, धोखो दे जासी ॥सुरता ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी, मनवा ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी।
नहीं करणा मान गुमान, काया है काची। संत केवे राजाराम,वि उनाळारी वाट,खाली हो जासी ॥सुरता ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी, मनवा ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी।
सुरता ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी, मनवा ने ले नी जगाय, पिंजर पड़ जासी। भज ले नी भगवान, वासना रह जासी ॥