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विविध भजन

Garudh ke Rath pe baithkar mere Ghar aaye shree bhagwan,गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,

गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान

गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,
बहन कुछ समझ ना पाई सासुल को लाई रे बुलाए,गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान।


सांस मेरी पूछन लागी किस विध आए श्री भगवान,गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,



धर्म की माता समझी सेवा करी थी दिन और रात,
बरत ग्यारस की करे थे, मिलने को आए श्री भगवान,
गरुड़ के रथ पे बैठक मेरे घर आए श्री भगवान,



बहुरि तु फलियो फूल्यो, मुझको भी मिल गए श्री भगवान,
सास हरि पैरों में पड़ गई, मुझको भी देना कुछ ज्ञान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,



ज्ञान तेरी बहू देगी जिसके हृदय में श्री भगवान,
बहु कुछ ज्ञान बतइओ, कट जा बुढ़ापा मेरा आज,
गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,



सास कभी झूठ ना बोलो मिल जाएंगे तुमको श्री भगवान,
सांस मेरी जल्दी उठ कर दो घड़ी लेना हर का नाम,
गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,



सास चाहे जितना हो जाए कभी ना करियो तू गुमान,
सास पतिव्रता रहना पति में ही देखो श्री भगवान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,



बात एक याद रखना जाना पड़ेगा श्मशान,
ग्यारस के व्रत करण से मिल जाएं मुक्ति का धाम,
गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,



सास सत्संग में जइयो करके तू घर का सारा काम,
दो घड़ी भजन सुनाइए काया को मिल जाएगा आराम,
गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,



सास वहां अमृत बरसे काया के कट जाए रोग तमाम,
सास सत्संग में जाना वहीं पर मिलेंगे श्री भगवान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,

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