श्याम तेरे मुखड़े का देखा जो नज़ारा,,
इनमे ना जाने कहाँ,, खो गया है मेरा दिल ।
मोहिनी सुरतिया ने,, ऐसा जादू डाला,,
खुद को संभाल पाना,, हो गया है मुश्किल ।।
माथे पे केसर चन्दन का ये प्यारा सा टीका,,
सूरज से भी ज़्यादा चमके चेहरा श्याम धणी का ।नैन काले काले,, लट घुंघराले,,
श्याम मिजाज़ी के,, ठाठ निराले ।।
मखमल से होंठों पे सज रही मुरली,,
इनमे ना जाने कहाँ खो गया है मेरा दिल ।
श्याम तेरे मुखड़े का देखा जो नज़ारा,,
इनमें ना जाने कहाँ,, खो गया है मेरा दिल ।।
मोर मुकुट का ताज है सर पे सोने के आभूषण,,
सबके दिल का चैन चुराए श्याम तुम्हारे चितवन।तेरी अदाएं मन को लुभायें,,
देखे जो तुझे देखता ही जाए ।।
प्यारे प्यारे हाथों में सज रही मेहँदी,,
इनमे ना जाने कहाँ खो गया है मेरा दिल ।
श्याम तेरे मुखड़े का देखा जो नज़ारा,,
इनमें ना जाने कहाँ,, खो गया है मेरा दिल ।।
माधव ने सब वार दिया है तेरी एक झलक पे,,
श्याम सलोने जैसा ना कोई धरती और फलक पे ।श्याम बिहारी पे जाऊं वारी वारी,,
टीका लगा दूँ नज़र की मैं कारी ।।
लगने लगा है फीका मुझे जग सारा,,
इनमे ना जाने कहाँ खो गया है मेरा दिल ।
श्याम तेरे मुखड़े का देखा जो नज़ारा,,
इनमे ना जाने कहाँ,, खो गया है मेरा दिल ।।
मोहिनी सुरतिया ने,, ऐसा जादू डाला,,
खुद को संभाल पाना,, हो गया है मुश्किल ।
श्याम तेरे मुखड़े का देखा जो नज़ारा,,
इनमे ना जाने कहाँ,, खो गया है मेरा दिल ।।
श्याम तेरे मुखड़े का देखा जो नज़ारा,,
इनमे ना जाने कहाँ,, खो गया है मेरा दिल ।
मोहिनी सुरतिया ने,, ऐसा जादू डाला,,
खुद को संभाल पाना,, हो गया है मुश्किल ।।