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Thakur bhale biraje ji choti si jaganath Puri me,ठाकुर भले बिराजे जी छोटी सी जगन्नाथपुरी में भला बिराजे जी,

ठाकुर भले बिराजे जी। छोटी सी जगन्नाथपुरी में भला बिराजे जी।

तर्ज,भोला नाथ अमली

ठाकुर भले बिराजे जी। छोटी सी जगन्नाथपुरी में भला बिराजे जी।


बलभद्रजी के भैया भले बिराजे जी,
छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।।


कबसे छोड़ी मथुरा नगरी कबसे छोड़ी काशी,
झाड़खण्ड में आन बिराजे वृन्दावन के वासी,
ठाकुर भले बिराजेजी,
छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।


सतयुग छोड़ी मथुरा नगरी,द्वापर छोड़ी काशी,
कलियुग में तो आान बिराजे वृन्दावन के वासी ।
ठाकुर भले बिराजे जी,
छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।


उड़ीया मांगे खिचड़ी बंगाली मांगे भात,
साधु मांगे दर्शन प्रभुजी और महापरसाद।
ठाकुर भले बिराजे जी,छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।


दाल रान्धू भात रान्धू परवल की तरकारी,
मीन मार के भोग लगावे अधम जात बंगाली।
ठाकुर भले बिराजे जी ,
छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।


गाँव गाँव में बाग बगीचा गली गली फुलवारी,
घर घर देखो केला नारियल घर घर ठाकुर बारी।
ठाकुर भले बिराजे जी,
छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।


दो दो कोस पर हाट लगे हैं पाँच कोस पर चट्टी,
चलते चलते पाँव पिराने शरीर हो गया मिट्टी।
ठाकुर भले बिराजे जी,
छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।


चट्टी चट्टी बनियाँ लूटे और लूटे फिरंगी,
सिंह दरवाजे पण्डा लूटे यात्री भये उदासी।
ठाकुर भले बिराजे जी,
छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।


नीलचक्र पर ध्वजा बिराजे मस्तक सोहे हीरा,
बीचमें बहिन सुभद्रा बिराजे आजु-बाजु दोऊ बीरा।
ठाकुर भले बिराजे जी,
छोटी सी जगन्नाथपुरी में भले बिराजे जी।

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