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विविध भजन

Baba ye naiya kaise dagmag doli jaay,बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये,

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये,

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये,
बिन माझी पतवार के इसको तू ही पार लगावे।



दूर दूर नहीं दिखे किनारा लेहरे भी विसराये,
बादल भी है गरज रहे और मुझको रहे डराए,
जब के मैं सोच रहा तू अब आये तब आये,
बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये।बिन माझी पतवार के इसको तू ही पार लगावे।



दुनिया है एक रंग मंच तू इसका निदेशक,
तू ही बनाये तू ही मिटाये तू ही इसका विषयष,
फिर क्यों ये तेरे हाथ के पुतले मुझको आंख दिखाए,
बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये।बिन माझी पतवार के इसको तू ही पार लगावे।



तुझको ही मैं समजू अपना बाकि सब है पराये,
तेरे हाथो सब कुछ सम्बव तू ही लाज बचाये,
करदे एक इशारा नैया पार मेरी हो जाये,
बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये।बिन माझी पतवार के इसको तू ही पार लगावे।



तीन बाण तरकश में तेरे चले तो ना रुक पाए,
बेहड़े तुम पतों की तरह फिर कोई भी न बच पाए
बेहदे तुम निर्मल की बिपदा पास मेरे जो आये,
बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये।बिन माझी पतवार के इसको तू ही पार लगावे।

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये,
बिन माझी पतवार के इसको तू ही पार लगावे।

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