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विविध भजन

Tere dwar khada bhagwan bhagat bhar de re jholi,तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली।

तेरे द्वार खड़ा भगवान,भगत भर दे रे झोली।

तेरे द्वार खड़ा भगवान,भगत भर दे रे झोली।
तेरा होगा बड़ा अहसान,के युग-2तेरी रहेगी शान।



डोल रही है धरती सारी, डोला गगन है सारा।
भीख मांगने आया तेरे दर,जगत का पालन हारा रे।मैं आज तेरा महमान,तू कर ले रे जरा पहचान।तेरे द्वार खड़ा भगवान,भगत भर दे रे झोली।



आज लुटा दे रे सर्सव अपना,मान ले मेरा कहना।मिट जाए पल भर में तेरा,जन्म-2 का फेरा रे।तू छोड़ सकल अभिमान, अगर कर ले रे तू अपना दान।तेरे द्वार खड़ा भगवान,भगत भर दे रे झोली।

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