नाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे ।।
पाना जैड़ी पीली-पीली, पिलंगा पोढावो जैड़ी, नाड़ी वैद नही है तू तो,मुरख अनाड़ी रे ।।नाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे ।।
नाड़ी ने टंटोले काई, दरद कलेजा माही, नदी वैद नही है तू तो, मुरख अनाड़ी रे ।।नाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे ।।
गोल-गोल पावे माने, खारी-खारी बूटी रे, राम नाम मिठो लगे, और बात झूठी रे।।नाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे ।।
कानो में कुण्डलिया सोवे, मोर मुकुट धारी रे, मुरख जटाले बाबा, मोपे भुरकी डारी रे।।नाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे ।।
मीरा ने जीवाई चाहो, श्याम तुम बेगा आवो, रोग रोकतेयो मारे, अजर बिहारी रे।।नाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे ।।
तीन लोक तारे प्रभु, मीरा दुःखयारी रे, तारन प्रभु बेगा आवो, अर्ज हमारी रे।।नाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे ।।