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विविध भजन

Mharo man bandaro re o to ghani re fadako mare,मारो मन वांदरों रे ओ तो घणी रे फदाको मारे

मारो मन वांदरों रे ओ तो घणी रे फदाको मारे

मारो मन वांदरों रे ओ तो घणी रे फदाको मारे ,फदफदफदफद मारे रे फदाको नहीं कोई ने धारे।मारो मन वांदरों रे ओ तो घणी रे फदाको मारे ,



कदीक ध्यावे शिखरजी ने सिद्धगिरी पर चढ़ जाये।आदिनाथ रा दरशन करने घडी पलक में आये।मारो मन वांदरों रे ओ तो घणी रे फदाको मारे।मारो मन वांदरों रे ओ तो घणी रे फदाको मारे



मुछाला महावीर मनावे राणकपुरजी जावे
गोडवाड री पंच तीरथ में लटका लेकर आये।
आबुजीरा अचलगढ में नाथ निरन्जन पावे।मारो मन वांदरों रे ओ तो घणी रे फदाको मारे।



हीरा पन्नारी लडियो रे लाकर प्रभुजी
की अंगिया रथाये ॥
ढोलक तबला पेटी रे बाजा संग गीतडा गायें सपना में शंखेश्वर पारसनाथ ने घणा मनावे।मारो मन वांदरों रे ओ तो घणी रे फदाको मारे

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