लटको जोगी छोड़ दे रे जोगिया रे ,
असल फकीरी धार ।
दोरो धूरी रा राजा तापणो रे जोगिया रे ,
चलणो खांडे वाली धार ।
जटा बढ़ाया हरि ना मिले रे जोगिया रे ,
हर कोई लेवे बढ़ाय ।
जटा बढ़ावे वन रो रींछड़ो रे जोगिया रे ,
कद अमरापुर जाय ॥
मुण्ड मुंडाया हरि ना मिले रे जोगिया रे ,
हर कोई लेवे मुंडाय ।
मुण्ड मुंडावे घर री गाडरी रे जोगिया रे ,
कद अमरापुर जाय ॥
बड़ले हिण्डो घालियो रे जोगिया रे ,
तळे लगाई आग ।
नाथ गुलाब ‘ गुरु भेटिया रे जोगिया रे ,
गावे भवानी नाथ ॥नहाया धोयां हरि ना मिले रे जोगिया रे ,
हर कोई लेवे नहाय ।
जल में रेवे जल री माछली रे जोगिया रे ,
नहीं अमरापुर जाय ॥
राख लगायां हरि ना मिले रे जोगिया रे ,
हर कोई लेवे लगाय ।
राख लगावे तन रे गधेड़ियो रे जोगिया रे ,
कद अमरापुर जाय ॥
लटको जोगी छोड़ दे रे जोगिया रे ,
असल फकीरी धार ।
दोरो धूरी रा राजा तापणो रे जोगिया रे ,
चलणो खांडे वाली धार ।