Categories
विविध भजन

Ari me nangada ke byahi meri ma,एरी मैं नंगड़ा के ब्याही मेरी मां राम रटन दे ना एक घड़ी।

एरी मैं नंगड़ा के ब्याही मेरी मां राम रटन दे ना एक घड़ी।

एरी मैं नंगड़ा के ब्याही मेरी मां राम रटन दे ना एक घड़ी।

ना इनके बने रे महल हवेली। एक छोटी सी झोपड़ी बनाई मेरी मां,राम रटन दे ना एक घड़ी।एरी मैं नंगड़ा के ब्याही मेरी मां राम रटन दे ना एक घड़ी।

ना इनके बीछ रहे पलंग निवारी। मैंने धरती में लेट लगाई मेरी मां, राम रटन दे ना एक घड़ी।एरी मैं नंगड़ा के ब्याही मेरी मां राम रटन दे ना एक घड़ी।

ना इनके बने रे हलवा पूरी। मैंने बासी खुशी खाई रे मेरी मां,राम रटन दे ना एक घड़ी।एरी मैं नंगड़ा के ब्याही मेरी मां राम रटन दे ना एक घड़ी।

पहली बार सड़ा कर डींग ताना। या पड़ती करम लिखाई मेरी मां, राम रटन दे ना एक घड़ी।एरी मैं नंगड़ा के ब्याही मेरी मां राम रटन दे ना एक घड़ी।

Leave a comment