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विविध भजन

Tu ghanta bita aayi char kya karne gayi thi satsang me,तूं घंटा बिता आई चार हो चार क्या करने गई थी सत्संग में।

तूं घंटा बिता आई चार,हो चार, क्या करने गई थी सत्संग में।

तेरा बदला ना ही विचार , व्यवहार,क्या करने गई थी सत्संग में।क्या करने गई थी सत्संग में।क्या करने गई थी सत्संग में। तूं घंटा बिता आई चार,हो चार, क्या करने गई थी सत्संग में।

पहले जावे पीछे आवे, सारे कुनबे में रॉड मचावे। तेरे मुख में भरी अनार, अनार ,क्या करने गई थी सत्संग में।तेरा बदला ना ही विचार , व्यवहार,क्या करने गई थी सत्संग में।

दान पुण्य ने कुछ करती नहीं है। ननंद भांजी बुलाती नहीं है। तेरा कैसे होवे बेड़ा पार,हो पार, क्या करने गई थी सत्संग में।तेरा बदला ना ही विचार , व्यवहार,क्या करने गई थी सत्संग में।

सास ससुर की सेवा ना करती। घर-घर घूमे बातें करती। तेरा जीवन है बेकार, बेकार, क्या करने गई थी सत्संग में। तेरा बदला ना ही विचार , व्यवहार,क्या करने गई थी सत्संग में।

गुरुजी तुमको ज्ञान बातावे। तेरा चरणों में ध्यान बतावे। तेरा हो जाए बेड़ा पार, पार, क्या करने गई थी सत्संग में।तेरा बदला ना ही विचार , व्यवहार,क्या करने गई थी सत्संग में।

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