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विविध भजन

Hari har dono ek hi hai na ye kam hai na wo kam hai,हरि हर दोनो एक ही हैं ना ये कम है ना वो कम है।

हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।

हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।



हर रहते है हिमालय में, वो रहते है सिर सागर में। ससुर घर दोनों रहते हैं, ना ये कम है ना वो कम है।हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।



ये पीते हैं भांग का प्याला, वो पीते हैं प्रेम रस प्याला-2 नशे में दोनों रहते हैं, ना ये कम है ना वो कम है।हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।

उमा की बात ये माने, रमा की बात वो माने। पिया का काम करने में, ना ये कम है ना वो कम है।हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।

एक के शीश वे गंगा, एक के चरणों में यमुना- दोनो पाप नाशक हैं, ना ये कम है ना वो कम है।हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।

एक के हाथ में त्रिशूल, एक के हाथ में चक्कर। दोनो दुष्टों को मारते हैं, ना ये कम है ना वो कम है। हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।

एक के गले में है नाग, एक शेष शय्या पे सोवे । दोनों के काल बस में है, ना ये कम है ना वो क है।हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।

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