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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

O dadi khol de darwajo mhe to Jhunjhnu aawanga,ओ दादी खोल दे दरवाजोम्हें तो झुंझनू आवांगा,dadi bhajan

ओ दादी खोल दे दरवाजो
म्हें तो झुंझनू आवांगा।



तर्ज – दर्जी सिम दे निसान

भादवै की मस्ती
में नाचांगा गावांगा
ओ दादी,ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो
म्हें तो झुंझनू आवांगा।




रोली मोली
अक्षत मेहंदी
ल्याया भक्त हजार,
सोणो सोणो
गजरो ल्याकर
रहा हाँ बाट निहार,
छैल छबीलो सथीयो थारो
म्हें बणावांगा
ओ दादी,ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो
म्हें तो झुंझनू आवांगा।




ओढ़ चुनरिया
लाल सुरंगी
हरिया मेहंदी हाथ,
भोला ढाला
टाबरिया के
पल पल रहियो साथ,
मीठा-मीठा थाणे
दादी भजन सुणावांगा
ओ दादी,ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो
म्हें तो झुंझनू आवांगा।




मावस के दिन
धोक लगाते
करते जय जयकार
दादी म्हारी
कुलदेवी थे
रखियो खुश परिवार
“मधु” बोले थाणे
दादी आज रिझावांगा
ओ दादी,ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो
म्हें तो झुंझनू आवांगा।




लाडु बुंदिया
खीर चूरमा
सागै भुजिया अचार,
छप्पन भोग
छत्तीसों व्यंजन
ल्याया थारै द्वार,
लाड प्यार से
थाणे दादी म्हें जिमावांगा
ओ दादी,ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो
म्हें तो झुंझनू आवांगा।

भादवै की मस्ती
में नाचांगा गावांगा
ओ दादी,ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो
म्हें तो झुंझनू आवांगा।

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