आजु सिया जू के ब्याह की लगनिया, ए सखी घर घर मंगल। बाजत बाजे घनघोर ए सखी घर घर मंगल।
आई बरियात साजि विविध वहनिया ए सखी घर घर मंगल। पहिरे लिलिन सिर मौर ए सखी घर घर मंगल।आजु सिया जू के ब्याह की लगनिया, ए सखी घर घर मंगल
बजवा शब्द सुनि हुलसें मोर छतियां ए सखी घर घर मंगल।रस नी महल छई जोत ए सखी घर घर मंगल।आजु सिया जू के ब्याह की लगनिया, ए सखी घर घर मंगल
लखबरसावे बहु सुरन सुमनियाँ ए सखी घर घर मंगल, जयति जयति करजोर ए सखी घर घर मंगल।आजु सिया जू के ब्याह की लगनिया, ए सखी घर घर मंगल
मोद उमगि गावें प्रेम मँगनिया ए सखी घर घर मंगल। छमि छबि छकी तृणतोर ए सखी घर घर मंगल।आजु सिया जू के ब्याह की लगनिया, ए सखी घर घर मंगल