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विविध भजन

Tu bhaji govind gopal nahi to pachtawego,तू भजि गोविंद गोपाल नहीं तो पछितावेगो,

तू भजि गोविंद गोपाल, नहीं तो पछितावेगो।।

बीतींगी साल पै साल, बुढापौ आवेगो।
तू भजि गोविंद गोपाल, नहीं तो पछितावेगो।।



तू माँ के गर्भ मैं आया, ईश्वर से ध्यान लगाया।
पैदा होकर चिल्लाया, तोसे लिपट गयी है माया।।
तोसे लग गए पाँच दलाल, नहीं बचि पावेग।तू भजि गोविंद गोपाल, नहीं तो पछितावेगो।।



तेरी ज्वानी की कमाई, तेरे काम नहीं है आयी।
तू अन्त समय पर मूरख, देगौ राम दुहाई।।
तोकू होयगो बड़ो मलाल, माल कोई खावेगो।तू भजि गोविंद गोपाल, नहीं तो पछितावेगो।।




ओ मनुआ मतवारे तू, छोड़ि के झंझट सारे।
मन बसाले मूरत प्रभु की, क्यों भटके द्वारे – द्वारे।।
हरि कृपा कौ देखि कमाल, अज्ञान हट जावेगो।तू भजि गोविंद गोपाल, नहीं तो पछितावेगो।।



शिव नाम सुना सतसंगा, शिव लट मैं विराजै गंगा।
शिव भक्ति बिना ओ मूरख, हो जन्म – जन्म को नंगा।।
परषोत्तम करै सवाल, कहा बतलावेगौ।तू भजि गोविंद गोपाल, नहीं तो पछितावेगो।।

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