श्याम आएंगे खाटू से श्याम आएंगे खाटू से, श्याम आएंगे खाटू से बिगड़ी मेरी बनाने को। सजा कर बैठी हूं मैं भी गरीब खाने को।
द्वारा तेरा ही काफी है सब द्वारों से। सहारा तेरा ही काफी है सब सहारो से। यह आंखें तरसी है मेरी दीदार पाने को।सजा कर बैठी हूं मैं भी गरीब खाने को।
श्याम आएंगे खाटू से श्याम आएंगे खाटू से, श्याम आएंगे खाटू से बिगड़ी मेरी बनाने को। सजा कर बैठी हूं मैं भी गरीब खाने को।
वह श्याम आएंगे मैं रास्ता निहार रही। दिखा दो दर्श बाबा मैं पुकार रही। छुपा लूं आंखों में ना हो खबर जमाने को।सजा कर बैठी हूं मैं भी गरीब खाने को।
श्याम आएंगे खाटू से श्याम आएंगे खाटू से, श्याम आएंगे खाटू से बिगड़ी मेरी बनाने को। सजा कर बैठी हूं मैं भी गरीब खाने को।
आओ सांवरे अब ना मुझको तरसाओ। मेरी धड़कन मेरी सांसो में अब समा जाओ। आओ बिगड़ी कोमल की अब बनाने को। सजा कर बैठी हूं मैं भी गरीब खाने को।
श्याम आएंगे खाटू से श्याम आएंगे खाटू से, श्याम आएंगे खाटू से बिगड़ी मेरी बनाने को। सजा कर बैठी हूं मैं भी गरीब खाने को।