स्वेत पुष्प बरसे अंबर से तीन लोक हर्षा गयो। नजर उतारन खातिर देखो सूरज नीचे आ गयो।
बाई की चुनरी देखकर चंदो भी शरमा गयो।नजर उतारन खातिर देखो सूरज नीचे आ गयो।
आयो आयो बाबुल को परिवार, म्हारा वीरा को परिवार, चुनरिया लेकर सोहनी जी देखो राज।
आंगनिया में नाचे सगला आज, कोई एक दूजे के साथ,चुनरिया लेकर सोहनी जी देखो राज।
घुंघरू छन छना छन छन नाना छन नाना बाजे रे। चटक चुनरिया ले कर देखो बीरो नाचे रे। बीरो नाचे रे देखो भावज नाचे रे।चटक चुनरिया ले कर देखो बीरो नाचे रे।