साधो भाई मुर्दा देवे हेला, जीवत मरज्यो, ढील मत करज्यो, सदा सुखी हुवैला।।
जीवतडा ने मार गिरावो, सत का मारो सेला, अहम हंकार शीश ने काटो, दुजा शीश धरेला ।।साधो भाई मुर्दा देवे हेला, जीवत मरज्यो, ढील मत करज्यो, सदा सुखी हुवैला।।
काम क्रोध मोह की गर्दन, काट करो नर गेला, शील सन्तोष समता सत धारो, समदम मार्ग पहला ।।साधो भाई मुर्दा देवे हेला, जीवत मरज्यो, ढील मत करज्यो, सदा सुखी हुवैला।।
जीवत मरो फिर मर कर जीवो, ये मार्ग कठिन दुहेला, शीश बिना जूंझे रण माही, म से युद्ध करेला ।।साधो भाई मुर्दा देवे हेला, जीवत मरज्यो, ढील मत करज्यो, सदा सुखी हुवैला।।
मौजीराम गुरु कृपा करके, कया ब्रहम सत मेला, मन्दरूपराम मोह न जनमे, नाहीं जन्म धरेला ।।साधो भाई मुर्दा देवे हेला, जीवत मरज्यो, ढील मत करज्यो, सदा सुखी हुवैला।।