मां बनीने आवो प्रभुजी मारे बालक थईने तने मलवु छे।खुब थया एकठा आसुओं तारा खोले रहबु छे,
ना पाम्यो हु हूफ के लागणीना हालरडा हैयाना कोक दिवस तो आव प्रभु तु हाल पुछवा छैयाना पन बे पल तारा विरहमा पागल थई मारे रहबु छे।मां बनीने आवो प्रभुजी मारे बालक थईने तने मलवु छे।
जगत कहे तु जगजननी तु वात्सल्य तणु जरणु
तुज हसावे तु रडावे तुज सकल जगत नु झरणु वत्स बनी वात्सल्य पामवा मारे जीवन तुजने धरवु छे।मां बनीने आवो प्रभुजी मारे बालक थईने तने मलवु छे।
माता नु वात्सल्य मल्यु ना तेनु जीवन झेर बने तने खबर ना पड़े वीतरागी कवि वेदना सेहवी पड़े।
मा बनने खोळे लइले मारे हेत थी धरवु छे।मां बनीने आवो प्रभुजी मारे बालक थईने तने मलवु छे।
पछी जो तू कोई बाळकने माता बिना कम रहे तू तारा वियोगे व्हाला मारा आखड़ियोथि अश्रु वहे
क्यारे तू आविने व्हाला मुज आखड़ीने अश्रु लुछ।मां बनीने आवो प्रभुजी मारे बालक थईने तने मलवु छे।