कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे। मैंने तुझे अपना माना रे।
होठों पर रहता मेरे हर पल सांवारिया, तेरे ही नाम का तराना रे। कान्हा रे कान्हा रे तुझको है पाना। कान्हा रे कान्हा रे दिल में बस जाना। जग से ना पाया जो वह तुझसे मिला। छोड़ दुनिया अब सब तुझको है माना।कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे। मैंने तुझे अपना माना रे।
तुमसा नहीं है कोई दूजा मेरा । मेरी आत्मा है तेरी यह तन भी है तेरा। तुम ही मेरा करम है और तू ही मेरा धर्म है। तेरे दर पर आकर लगे यह जग बेगाना रे। कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे।
कान्हा रे कान्हा रे अपना ले बना। मोह माया से जग कि मुझे दूर ले जाना। दिल मेरा बस तेरी सूरत का है दीवाना। सब कुछ मैं वार दूं तुझ पर मेरे कान्हा।
जैसे बने तुम अर्जुन के सखा। संग मेरे भी रहना तुम हर दम हर दफा। दौलत शोहरत हीरे मोती क्या चीज है। तुझे पाने को छोड़ा मैंने यह जमाना रे। कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे।