तर्ज,म्हारो बेडो लगा दिज्यो पार
बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे।काई भर ल्यायो रे बिंजारा काई भर ल्यायो रे।बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे
जयपुरिया से चलकर आयो,गाड़ा लून भर ल्यायो बापजी गाड़ा लून भर ल्यायों।इनसे म्हारा टाबर पालू,पूरी करूं रे मनुहार,लून भर ल्यायों रे।
बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे।बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे।
सांची बोलिया सार बंजारा झूठ बोलयां ना सार रे। झूठ बोलयां सु सार नही रे,साची बोल्या सार रे,बिंजारा साची बोल्या सार रे।हो जैसी थारी भावना रे, वो ही मिलेगा मन माय,लून भर ल्यायों रे।
बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे।बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे।
बालद खोली मिसरी घोली करी रसोई त्यार,बिंजारो करी रसोई त्यार। जद बिंजारों जीमन लाग्यो हो गई खारम खार।काई भर ल्यायो रे।बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे।
पैदल दोड़कर आयो बिंजारो रामा जोड़े हाथ रे बिंजारो रामा जोड़े हाथ रे।गलती को में पुतलों जी,गलती को में पुतलों जी,कोई माफ करो सरकार,काई भर ल्यायो रे।
बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे।काई भर ल्यायो रे बिंजारा काई भर ल्यायो रे।बिनजारा ये सांचों बोल बालद खोल,काई भर ल्यायो रे