हो मेरे मतना पकड़े केश छोड़ दे पड़ जांगे भारी। हो मे हाथ जोड़के कह रही। हो मे भावज लागु तेरी।
हो मेरी फुट गई तकदीर आज मे जुए में हारी।
हो मेरे केश से काले-काले हो मैने दूध दही से पाले।हो मेरे लम्बे-लम्बे केश जटा जनु कृष्ण मुरारी।हो मेरे मतना पकड़े केश छोड़ दे पड़ जांगे भारी।
हो मै राजा द्रुपद कि जाई।
हो मै अर्जुन गेल्या व्याही। हो मेरो हस्तिनापुर सुसराड़ मे सु महता कि रानी ।हो मेरे मतना पकड़े केश छोड़ दे पड़ जांगे भारी।
हो मै पाच पतियाँ कि रानी।
हो मैंने बांधी रेशम साड़ी।
हो मेरे तार-तार पे मोहर झलक जनु कृष्ण मुरारी की। हो मेरे मतना पकड़े केश छोड़ दे पड़ जांगे भारी।
हो मेरी कंचन बरगी काया।
हो तेने हाथ पाप का लाया।
हो तेने पापी पाप कमाया या इज्ज़त खो दई नारी की। हो मेरे मतना पकड़े केश छोड़ दे पड़ जांगे भारी।
हो मै भरी सभा मे आई।
हो मैने आके अर्ज लगाई। हो मेरी अर्ज करो मंजूर या मर्जी कृष्ण मुरारी कि। हो मेरे मतना पकड़े केश छोड़ दे पड़ जांगे भारी।
हो थम कर लो युद्ध कि तैयारी।
हो या कह रही से एक नरी।
हो मेरे करमा खप्पर भरना या लीला कृष्ण मुरारी कि।हो मेरे मतना पकड़े केश छोड़ दे पड़ जांगे भारी।
हो मैने रुप लिया चण्डी का।
हो मैने खप्पर भरा लोही का। हो मैंने हस हस धोए केश या लीला कृष्ण मुरारी कि। हो मेरे मतना पकड़े केश छोड़ दे पड़ जांगे भारी।