एक दिन खाली करनी पड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की ।
क्यों मन में तू इतनो फूले नहीं, यह तेरा घर क्यों भूले। नहीं तो धनी मुकदमों लड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की । एक दिन खाली करनी पड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की ।
पंच तत्वों की समझ अमानत, नहीं तो होगी जपत जमानत । जब न्याय अदालत करसी रे, काया कोटडी भाड़ा की। एक दिन खाली करनी पड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की ।
तेरा अभिमान बड़ी बेईमानी, सब दोसो की मूल निशानी । यमदूत हाड़ थारा गड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की । एक दिन खाली करनी पड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की। टेर ।
नाती गोती कुटुंब कबीला, काया कोटडी की सब लीला। जो सब पल माई बिछड़सी रे, कया कोटड़ी भाड़ा की। एक दिन खाली करनी पड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की । टेर ।
नाती गोती कुटुंब कबीला, काया कोटडी की सब लीला , जो सब पल माई बिछड़सी रे, कया कोटड़ी भाड़ा की । एक दिन खाली करनी पड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की ।
भारती पूरण पुरुषार्थ कीजे, सेवा बंदगी करतो रिजे। नहीं तो माथे किरायो चड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की । एक दिन खाली करनी पड़सी रे, काया कोटडी भाड़ा की।