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विविध भजन

Chali ja rahi hai ye anmol sase,चली जा रही है ये अनमोल स्वासें,

चली जा रही है ये अनमोल स्वासें,

चली जा रही है ये अनमोल स्वासें,
जो कुछ बची है उन्हीं को संभालो।





लिया जन्म तूने बड़े कष्ट सहकर
पुकारा प्रभु को उल्टे लटक कर
उसी भक्त वत्सल के फिर गीत गा लो।।जो कुछ बची है उन्हीं को संभालो।चली जा रही है ये अनमोल स्वासें,
जो कुछ बची है उन्हीं को संभालो।





बिताया है बचपन रुदन और हंसी में
पिया दूध माता ललक कर खुशी में
बचपन मे आया तो यौवन सम्भालो।।जो कुछ बची है उन्हीं को संभालो।चली जा रही है ये अनमोल स्वासें,
जो कुछ बची है उन्हीं को संभालो।





मिला तन रत्न सा जिसे चंद्र कहते
हमारा हमारा कह कर ही मरते
मिला पंचतत्वों से उन्हीं में मिला दो ।।जो कुछ बची है उन्हीं को संभालो।चली जा रही है ये अनमोल स्वासें,
जो कुछ बची है उन्हीं को संभालो।

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