तर्ज, धीरे-धीरे बोल कोई सुन ना ले
सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में। सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में।
राम लखन जब बन को गए थे, नाव बहा ले गई पानी में।पानी में रामा पानी में।सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में।
राम लखन जब नाव में बैठे। चरण धुलाई पानी में। पानी में रामा पानी में।सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में।
जब सीता का हरण हुआ था। पर पहुंच गए पानी में। पानी में रामा पानी में।सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में।
जब सीता की खोज लगाई। हनुमत की पूंछ में आग लगाई। पूछ धूलाई गई पानी मे।पानी में रामा पानी में।सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में।
जब लंका पर करी चढ़ाई, राम नाम लिखे सिला तिराई। पत्थर तेर रहे पानी में।पानी में रामा पानी में।सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में।
जब लक्ष्मण के शक्ति लागे। बुटी लेने हनुमत भागे। हनुमत नहाए रहे पानी में। पानी में रामा पानी में।सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में।
हनुमत को जब आया पसीना। बूंद गिरी मछली के सीना। गर्भ ठहर गया पानी में। पानी में रामा पानी में।सारी दुनिया पानी में, पानी में रामा पानी में।