प्यारा सजा है दरबार तेरा मां, जिस की शोभा न्यारी है। शीश झुकाने तेरे दर पर आती दुनिया सारी है।प्यारा सजा है दरबार तेरा मां, जिस की शोभा न्यारी है।
रंग-बिरंगे फूलों से है भवन आपका महक रहा। देख देख कर के जिनको भक्तों का मन चहक रहा। धूप दीप नैवेद्य की खुशबू फैली फिजाओं में सारी है।प्यारा सजा है दरबार तेरा मां, जिस की शोभा न्यारी है।
रत्न जड़ित है मुकुट शीश पर माथे बिंदिया चमक रही। कानों में कुंडल गले में माला हाथों में चूड़ियां खनक रही। लाल चुनरिया लाल है चोला करके सिंह सवारी है। प्यारा सजा है दरबार तेरा मां, जिस की शोभा न्यारी है।
तेज तेरे मुखड़े जैसा मां सूरज चांद सितारो मे। भक्ति का रंग बरस रहा सब मैया के दरबारों में। भक्तों का दर्शन करने से मिटती हर लाचारी है।प्यारा सजा है दरबार तेरा मां, जिस की शोभा न्यारी है।
प्यारा सजा है दरबार तेरा मां, जिस की शोभा न्यारी है। शीश झुकाने तेरे दर पर आती दुनिया सारी है।प्यारा सजा है दरबार तेरा मां, जिस की शोभा न्यारी है।