लंकापति सुन मेरे पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया…….
पहला गरभ तुमने किया समुंदर पर,
उस पर भी फुल बंधबायो पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया…..लंकापति सुन मेरे पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया…….
दूजा गरब तुमने किया भैया पर,
उसको भी राम ने मारा पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया….लंकापति सुन मेरे पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया…….
तिजा गरब तुमने किया बेटा पर
वो भी लक्ष्मण ने मारे पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया……लंकापति सुन मेरे पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया…….
चौथो गरब तुमने किया लंका पर,
वह भी हनुमत ने जला दई पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया……लंकापति सुन मेरे पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया…….
पांचवा गर्भ तुमने किया बहना पर,
वाने भी नाक कटा दई पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया…….