भगवान तुम्हारी दुनिया मे कोई राजा कोई भिखारी है।
कोई धार काढ़ रहा झोटी की,
कोई भीख मांग रहा रोटी की। कोई होजा किस्मत खोटी का, कोई पहरे ताज सुनहरी का।भगवान तुम्हारी दुनिया मे कोई राजा कोई भिखारी है।
कोई बैठा कालर खोरी मे, कोई बैठा महल अटारी में।
कोई चाले मोटर लारी मे कोई झोटे की असवारी मे।भगवान तुम्हारी दुनिया मे कोई राजा कोई भिखारी है।
कोई दीप चाश रहा नोहरे में कोई बेठा घोर अंधेरे में। किते जगमग जगमग हो रही से किते आधी रात अंधेरी है।भगवान तुम्हारी दुनिया मे कोई राजा कोई भिखारी है।
कोई लम्बी लटा बढा रहा कोई तन मे राख रमा रहा। कोई बैठा गुरु के डेरे में कोई भगती करे तुम्हारी है।भगवान तुम्हारी दुनिया मे कोई राजा कोई भिखारी है।
कोई हीरा जन्म गवां रहा से कोई योगी योग करा रहा।
कोई अपना भाग्य बना रहा जिसने ले लई शरण तुम्हारी है।भगवान तुम्हारी दुनिया मे कोई राजा कोई भिखारी है।