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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Janam liyo jyane marno padsi,जनम लियो ज्यांने मरणो पड़सी ,

जनम लियो ज्यांने मरणो पड़सी ,

जनम लियो ज्यांने मरणो पड़सी ,
मौत नगारो सिर कूटे रे ।
लाख उपाय करो मन कितरा ,
बिना भजन नहीं छूटे रे ।



जम राजा रो आयो है झूलरो ,
प्राण पलक माँहि छूटे रे ।
हिचकी चाल हचीड़ो चाले ,
नाड़ तड़ातड़ टूटे रे ।।
जनम लियो ज्यांने । …..



जीव लेय जद जमड़ो चाले ,
क्रोध कर – कर कूटे रे ।
गुरजां री घमसाण मचावे ,
तुरन्त ताळवो फूटे रे ।
जनम लियो ज्यांने । …..

जीव ले जाय नरक माँहि डाले ,
कीड़ा कागला चूंटे रे ।
भुगतेला जीव भजन बिना भाई ,
ए जमड़ा जुगां जुग कूटे रे ॥
जनम लियो ज्यांने । …..



भाई बन्धु तेरा कुटुम्ब कबीला ,
राम रूठ्यां सब रूठे रे ।
कर्मी रा खोटा बंधन थारा ,
राम भजन सूं टूटे रे ॥
जनम लियो ज्यांने । …..

राम भजन कर सुकरत कर ले ,
भवरा बन्धन टूटे रे ।
कहत कबीर सुख चावे जीवरो ,
राम नाम धन लूटे रे ॥
जनम लियो ज्यांने । …..

जनम लियो ज्यांने मरणो पड़सी ,
मौत नगारो सिर कूटे रे ।
लाख उपाय करो मन कितरा ,
बिना भजन नहीं छूटे रे ।

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