अरे कोणी भूलूला गुण थारो ओ गुरासा मारो अबकोड़ों जन्म सुधारो।
लख चौरासी में गणो दुःख देखियो मे धर-धर पशु अवतारौ । धुप छाव में तो आ सही रे गणेरी मारो ओ दुःख परो जी निवारो गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो अरे कोणी भूलूला गुण थारो ओ गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो ।।
गुरु बिन सहाय करे कुन जिव री तीर्थ फिरो जी हज़ारो जी बैकुण्ठासु आने वापस भेजिया अरे नारद सुखदेव प्यारो गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो अरे कोणी भूलूला गुण थारो ओ गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो।
गुरु बिन ज्ञान, ज्ञान सब जूठा जुठो जी जग संसारो पति बिना नार केसो पद पावे और विधवा रो केसो सिंगारो गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो अरे कोणी भूलूला गुण थारो ओ रासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो ॥
पति बिना नार केसो पद पावे और विधवा रो केसो सिंगारो गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो अरे कोणी भूलूला गुण थारो ओ गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो ।
अराम मिलन री राह बताओ मेटो जी भरम अंधारो जी गुरूसा मारा पर उपकारी जी मारो अवगुण परो रे निवारो ।। गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो। अरे कोणी भूलूला गुण थारो ओ गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो।
बार-बार मारी आई रे विनती वेगि सुनो जी पुकारो। दास केवल पर कृपा कीजो सर पर पंजो रालो । गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो अरे कोणी भूलूला गुण थारो ओ गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो ।।
अरे कोणी भूलूला गुण थारो ओ गुरासा मारो अबकोड़ो जन्म सुधारो।