तर्ज-सलामे इश्क मेरी जान
मिला के श्याम से नजरें,तू दिल की बात बतला दे,
लगा दरबार बैठा है,तेरे हालात दिखला दे,
सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में।।
श्याम दानी दयालु है दातार है,बाँटने के लिए रहता तैयार है
जो भी माँगे कोई ये वही दे रहा,खुला रहता सदा इसका भण्डार है
ऐसा दाता ना दूजा है संसार में।।सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में।।
मिला के श्याम से नजरें,तू दिल की बात बतला दे,
लगा दरबार बैठा है,तेरे हालात दिखला दे,
सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में।।
माँगने के लिए लोग आते यहाँ,इसकी चौखट पे पल्ला बिछाते यहाँ
ये तो करता किसी को ना इंकार है,अपने मन की मुरादें वो पाते यहाँ,
खुश होकर के जाते वो परिवार में।।सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में।।
मिला के श्याम से नजरें,तू दिल की बात बतला दे,
लगा दरबार बैठा है,तेरे हालात दिखला दे,
सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में।।
आये संकट को पलभर में हरता है ये,अनहोनी को होनी भी करता है ये
तेरी किस्मत की रेखा में जो ना लिखा,उसे लिखने का सामर्थ्य रखता है ये
ऐसी शक्ति है लीले के असवार में।।सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में।।
मिला के श्याम से नजरें,तू दिल की बात बतला दे,
लगा दरबार बैठा है,तेरे हालात दिखला दे,
सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में।।
श्याम प्यारे की “बिन्नू” करो बन्दगी,खूबसूरत बना देगा ये जिन्दगी
यदि भावों से इसको रिझाओगे तुम,तेरे मन में रहेगी सदा ताजगी
है करिश्मा यही श्याम के प्यार में।।
सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में
मिला के श्याम से नजरें,तू दिल की बात बतला दे,
लगा दरबार बैठा है,तेरे हालात दिखला दे,
सुनाई होगी तेरी,श्याम दरबार में।।