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विविध भजन

Hari Naam ka pyala jara pijiye,हरि नाम का प्याला ज़रा पीजिये,

हरि नाम का प्याला ज़रा पीजिये,

हरि नाम का प्याला ज़रा पीजिये,
फिर हरि हरि, हरि हरि,
हरि हरि ही कीजिये।



मेरा नन्द गोपाला, हरि हरि
मेरा बंसरी वाला, हरि हरि
मेरा मोहन काला, हरि हरि
मेरा दीनदयाला, हरि हरि




हरि को भजे सो हरि का होए,
हरि सम दूजा और ना कोई ।
डोरी साँसों की उसे सौंपिए,
फिर हरि हरि,हरि हरि,
हरि हरि ही कीजिये॥



मेरा कृष्ण कन्हैया, हरि हरि
मेरा रास रचैया, हरि हरि
नैनो का सावरिया, हरि हरि
बलराम के भैया, हरि हरि।




गोता जो लगाए भक्ति के रस में,
हरि हर उसके हो जाए बस में ।
नाम उसका सुबह श्याम लीजिए
फिर हरि हरि,हरि हरि,
हरि हरि ही कीजिये॥



दुखिओं का सहारा, हरि हरि
जग पालन हारा, हरि हरि
दुनिया से न्यारा, हरि हरि
हारे का सहारा, हरि हरि
मेरा मोहन प्यारा, हरि हरि ।




खो जाईये बस हरि की ही धुन में
जग विसराईये उसकी लगन में ।
मन की आँखों से निहारिये,
फिर हरि हरि,हरि हरि,
हरि हरि ही कीजिये॥



राधा का ईशवर, हरि हरि
मीरा का गिरिधर, हरि हरि
गोविंदा नटवर, हरि हरि
सुखों का सागर, हरि हरि
मेरे मन का समंदर, हरि हरि
गोपाला नटवर, हरि हरि ।

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