सेवा लेवे सेवकीयो स यो मिजाजी श्याम, सावरो सू भगता को भगता को यो भगता को, सेठ सांवरो भगता को रूप निखारे और सवारे होवे भगत रो नाम ।
शीश झुकाए सेवकीयो श्री चरना में लौट रैयो झांकी थारी खूब सजी, खुद के मनडे तोल रैयों हाथ पकड़ मेरो खुद ही साजे, प्यारो बाबो श्याम…. सावरो भगता को रूप निखारे और सवारे होवे भगत रो नाम ।
हाथ जोड़ के अरज करू, सेवा थारी पाई जी चरना माही राखीजो, दाता श्याम बिहारी जी भूल चूक होवन मत दीज्यो, तोड़ दो सब अभिमान.. सावरों भगता को रूप निखारे और सवारे होवे भगत रो नाम ।
एक से एक कलाकारी, थारे दर को पुजारी है भाव देख के सेवा में, राखे श्याम बिहारी है बाबा राजी सेवक राजी, देख रैयो यो संसार.. , सावरो भगता को रूप निखारे और सवारे होवे भगत रो नाम ।
सेवा लेवे सेवकीयो स यो मिजाजी श्याम, सावरो सू भगता को भगता को यो भगता को, सेठ सांवरो भगता को रूप निखारे और सवारे होवे भगत रो नाम ।