आओ गोविन्द प्यारा आओ जी, मैं पकडू ला चरखी थे तो पतंग उड़ाओ जी, पतंग उड़ाओ जी प्यारा पेच लड़ाओ जी पतंग उड़ाओ जी प्यारा पेच लड़ाओ जी ।। आओ गोविन्द प्यारा आओ जी ।।
राधे जी चरखी कर रही सैर सपाटा जी, सैर सपाटा जी कर रही सैर सपाटा जी।
देखो वो काटा वो काटा जी देखो वो काटा वो काटा जी राधे जी की चरखी कर रही सैर सपाटा जी।
पवन मेघ से सर सर सर सर फर फर फर फर करती, और ऊपर नीचे दाये बाये खूब छलांगा भरती। पूरा पूरा भरे फर्राटा जी राधे जी की चरखी कर रही सैर सपाटा जी।
सैर सपाटा जी कर रही सैर सपाटा जी देखो वो काटा वो काटा जी राधे जी की चरखी कर रही सैर सपाटा जी ।।