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विविध भजन

Kalyug saj dhaj ke aa gaye,कलयुग सज धज के आ गए धर्म धरती में समा गए।

कलयुग सज धज के आ गए धर्म धरती में समा गए।

कलयुग सज धज के आ गए धर्म धरती में समा गए।



बाप मैया से मुख से ना बोले मर गए तो गंगा ले जा रहे, धर्म धरती में समा गए।कलयुग सज धज के आ गए धर्म धरती में समा गए।




बहन भांजी को कभी ना खिलाय.. साली को भर भर खिला रहे, धर्म धरती में समा गए।कलयुग सज धज के आ गए धर्म धरती में समा गए।



हरी दर्शन को कोई ना जावे ठेकों पर लाइन लगा रहे, धर्म धरती में में समा गए।कलयुग सज धज के आ गए धर्म धरती में समा गए।



कथा भागवत कोई ना देखें , मोबाइल में आंखें गड़ा रहे धर्म धरती में में समा गए।कलयुग सज धज के आ गए धर्म धरती में समा गए।

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